साक्षर होने शिक्षित होने और अपने राष्ट्र के इतिहास और परम्पराओं के ज्ञान होने में अंतर है यही वह सूक्ष्म रेखा है जो विद्यापीठ को अन्य शिक्षण संस्थाओं से विलग करती है, विद्यापीठ में प्राप्त बहुआयामी शिक्षा से विद्यार्थी का सर्वांगीण विकास होता है और संभवतः इसी कारण हमारे विद्यार्थी हर प्रकार के प्रतिस्पर्धात्मक परीक्षण चाहे तकनीकी हो या प्रशासकीय में सफल होते हैं|
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June